कटिहार,मनिहारी :बुधवार 2 मार्च २०१६:बिहार और झारखण्ड के बीच गंगा नदी में नावों के अवैध नाव परिचालन से परेशान हैं हजारों कश्ती चालक ....क्योंकि यह अवैध कश्तियाँ दबंगों की हैं और बन्दूक की नोंक पर इन अवैध नावों के परिचालन के कारण कटिहार के मनिहारी इलाके के हजारों नाव चालकों का कारोबार ठप्प हो गया हैं |लिहाजा भुखमरी के कगार पर पहुँचे इन नाव चालक बुधवार को सड़क पर उतर गये और माँगों के समर्थन में मनिहारी बन्द कराया !
एक ख़ास रिपोर्ट
कटिहार का मनिहारी गंगा नदी घाट :आम दिनों में यह घाट बिहार, सीमावर्ती पश्चिम बंगाल और पड़ोसी मुल्क नेपाल के गंगा स्नान में आये श्रद्धालुओं से अटा पड़ा रहता हैं मगर बुधवार को यहाँ लोग सड़कों पर उतर आये , मांगों के समर्थन में बाजार बन्द कराया और सूबे के निजाम से मदद की गुहार लगायी .....!
दरअसल , प्रदर्शन के पीछे माजरा यह हैं कि मनिहारी से गुजरने वाली गंगा नदी झारखण्ड के साहेबगंज को जल मार्ग से जोड़ती हैं और इस जल मार्ग से सीमांचल के इलाके में होने वाले बिल्डिंग कंस्ट्रकशन में काम आने वाला चिप्स साहेबगंज से आता हैं ! झारखण्ड में यह चिप्स पहाड़ों को तोड़ सफ्लाइ की जाती हैं ! इस धन्धे पर दबंगों की नजर पड़ गयी हैं जो बन्दूक के बल पर नावों से मुँहमाँगी नजराने की माँग करते हैं और जब नाव चालक ने मुँहमाँगी नजराने देने में अपनी असमर्थता व्यक्त की तो दबंगों ने नदी पर खुद की कश्तियाँ उतार डाली जिससे हजारों नाव चालकों का कारोबार पूरी तरह ठप्प हो गया ! इनकी माने , तो इस गोरखधन्धे में पुलिस और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत हैं |
स्थानीय लोगों की माने तो बन्द और प्रदर्शन से उनकी समस्या दूर नहीं हुई तो जल सत्याग्रह होगा |
कटिहार के मनिहारी में गंगा नदी पर नाव के कारोबार से हजारों लोगों की जिन्दगी सीधे जुडी हैं क्योंकि चिप्स का कारोबार से कश्ती चालक , मजदुर और स्थानीय बाजार की आमदनी का लाइफ लाइन माना जाता हैं |और ऐसे में यदि दो सूबे के सरकार जल्द इसके निराकरण पर विचार नहीं करती हैं तो आने वाले समय में यह आंदोलन और उग्र और राजनीतिक रंग ले सकता हैं |